रोजाना ट्रेनों के इंजन और हॉर्न के शोर से दिन-रात गूंजने वाले गाजियाबाद रेलवे स्टेशन पर

रोजाना ट्रेनों के इंजन और हॉर्न के शोर से दिन-रात गूंजने वाले गाजियाबाद रेलवे स्टेशन पर सोमवार को सन्नाटा पसरा रहा। स्टेशन के प्लेटफार्म पर यात्रियों की चहलकदमी की बजाय कुछ बंदर उछल कूद करते दिखे। लॉकडाउन के दौरान सोमवार से ट्रेनों की आवाजाही पूरी तरह बंद कर दी गई है। इसके बाद गाजियाबाद जैसे महत्वपूर्ण और सबसे व्यस्त 10 स्टेशनों की सूची में शुमार पुराना रेलवे स्टेशन भी सन्नाटे में नजर आया।
रविवार से ही ट्रेनों के संचालन पर रोक लगा दी गई है, हालांकि शनिवार या उससे पहले सफर पर निकल चुकी ट्रेनें ही रविवार को गाजियाबाद रेलवे स्टेशन पर पहुंची थीं। सोमवार को यह ट्रेनें भी अपने अंतिम स्टेशन तक पहुंच गई। ऐसे में रविवार को पटरियां खाली दिखाई दी। एक भी ट्रेन गाजियाबाद स्टेशन पर नहीं पहुंची। गाजियाबाद स्टेशन पर प्रतिदिन करीब 200 से ज्यादा सवारी रेलगाड़ियां रुकती हैं। रेलवे के मुताबिक गाजियाबाद स्टेशन पर प्रतिदिन करीब 1.5 से 1.75 लाख यात्री यहां से सफर करते हैं। सोमवार को लॉकडाउन कर दिए जाने के चलते रेलवे स्टेशन के दोनों प्रवेश द्वार पर आरपीएफ ने पहरा और कड़ा कर दिया गया है। किसी भी व्यक्ति को स्टेशन पर आने-जाने की अनुमति नहीं थी। हालांकि रेलवे के स्वास्थ्य विभाग, संचालन और कई अन्य विभाग के कर्मचारी रोजाना की तरह अपनी ड्यूटी पर पहुंचे। इनकी संख्या भी कम रही।